Getting My Shiv chaisa To Work
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योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
आज के युग में शिव चालीसा पाठ व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिव चालीसा लिरिक्स की सरल भाषा के मध्यम भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम more info कहाई॥
नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीसा।
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥